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Independence day Kavita. 

स्वतंत्रता दिवस, भारत में, राष्ट्रीय अवकाश प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस 1947 में ब्रिटिश शासन के अंत और एक स्वतंत्र और स्वतंत्र भारतीय राष्ट्र की स्थापना का प्रतीक है।  यह उपमहाद्वीप के दो देशों, भारत और पाकिस्तान में विभाजन की वर्षगांठ का भी प्रतीक है, जो 14-15 अगस्त, 1947 की आधी रात को हुआ था। (पाकिस्तान में, स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाया जाता है।) स्वतंत्रता दिवस रविवार को मनाया जाता है।  , 15 अगस्त, 2021 भारत में।

 भारत में ब्रिटिश शासन 1757 में शुरू हुआ, जब प्लासी की लड़ाई में ब्रिटिश जीत के बाद, अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी ने देश पर नियंत्रण करना शुरू कर दिया।  1857-58 में भारतीय विद्रोह के मद्देनजर ईस्ट इंडिया कंपनी ने 100 वर्षों तक भारत पर शासन किया, जब तक कि इसे प्रत्यक्ष ब्रिटिश शासन (अक्सर ब्रिटिश राज के रूप में जाना जाता है) द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया गया।  भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शुरू हुआ और इसका नेतृत्व मोहनदास के। गांधी ने किया, जिन्होंने ब्रिटिश शासन के शांतिपूर्ण और अहिंसक अंत की वकालत की।

Independence day (स्वतंत्रता दिवस) Special content list :- 

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Independence day Hindi poem

स्वतंत्रता दिवस को पूरे भारत में ध्वजारोहण समारोह, अभ्यास और भारतीय राष्ट्रगान के गायन के साथ चिह्नित किया जाता है।  इसके अतिरिक्त, विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों को राज्यों की राजधानियों में उपलब्ध कराया जाता है।  प्रधानमंत्री के पुरानी दिल्ली में लाल किले के ऐतिहासिक स्मारक में ध्वजारोहण समारोह में भाग लेने के बाद, सशस्त्र बलों और पुलिस के सदस्यों के साथ एक परेड शुरू होती है।  प्रधान मंत्री तब देश को एक टेलीविज़न संबोधन देते हैं, जिसमें पिछले वर्ष के दौरान भारत की प्रमुख उपलब्धियों का वर्णन किया जाता है और भविष्य की चुनौतियों और लक्ष्यों को रेखांकित किया जाता है।  पतंग उड़ाना भी स्वतंत्रता दिवस की परंपरा बन गई है, जिसमें विभिन्न आकार, आकार और रंगों की पतंगें आकाश को भर देती हैं।  साथ ही, इस दिन को मनाने के लिए, नई दिल्ली में सरकारी कार्यालय पूरे अवकाश के दौरान प्रकाशित रहते हैं, भले ही वे बंद रहते हों।

2. 15 August poem in Hindi , Best swatantra diwas Kavita in Hindi. 

15 August poem in Hindi


कुछ बातें बस शब्दों में बयां नहीं कर सकता मेरी आंखें खुली उड़ती चिड़ियों को देखकर नम हो जाती हैं ,
ये खुशी के आंसू हैं आसमान में उड़ते पंछियों को देखकर उन निडर नेताओं का शुक्रिया,
 जिन्होंने इन सबका सामना किया मुश्किल वक्त को पास करते हुए बहुत सी बातें हो सकती हैं ️️️️️️️️️️️️️️️️️️️  , 
बिना जीया नहीं जा सकता लेकिन स्वतंत्रता वह है जिसे मैं सबसे ज्यादा संजोता हूं बिना किसी संदेह के प्यार बोल सकता है, 
भले ही शब्द कम हो जाएं कुछ की आजादी के लिए प्यार ने हमें इस आजादी के साथ आशीर्वाद दिया है, इन क्षणों को हम साझा करते हैं लोगों की देखभाल करना सीखते हैं  हमारे चारों ओर,
 हर संभव तरीके से अपने राष्ट्र की देखभाल करें, आइए हम एक साथ अपने सुंदर भारत की कामना करें।  स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई!!!

3. Hotho par sachai, Desh bhakti Kavita. 


होठों पे सच्चाई रहती है, जहां दिल में सफ़ाई रहती है
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है
मेहमां जो हमारा होता है, वो जान से प्यारा होता है
ज़्यादा की नहीं लालच हमको, थोड़े मे गुज़ारा होता है
बच्चों के लिये जो धरती माँ, सदियों से सभी कुछ सहती है!
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है !
कुछ लोग जो ज़्यादा जानते हैं, इन्सान को कम पहचानते हैं !
ये पूरब है पूरबवाले, हर जान की कीमत जानते हैं
मिल जुल के रहो और प्यार करो, एक चीज़ यही जो रहती है !
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है !
जो जिससे मिला सिखा हमने, गैरों को भी अपनाया हमने
मतलब के लिये अन्धे होकर, रोटी को नही पूजा हमने
अब हम तो क्या सारी दुनिया, सारी दुनिया से कहती है !
हम उस देश के वासी हैं, हम उस देश के वासी हैं
जिस देश में गंगा बहती है..

4. Jab Bharat azaad hua tha, Desh bhakti Kavita in Hindi. 


जब भारत आज़ाद हुआ था|
आजादी का राज हुआ था||
वीरों ने क़ुरबानी दी थी|
तब भारत आज़ाद हुआ था||

भगत सिंह ने फांसी ली थी|
इंदिरा का जनाज़ा उठा था||
इस मिटटी की खुशबू ऐसी थी
तब खून की आँधी बहती थी||

वतन का ज़ज्बा ऐसा था|
जो सबसे लड़ता जा रहा था||
लड़ते लड़ते जाने गयी थी|
तब भारत आज़ाद हुआ था||

फिरंगियों ने ये वतन छोड़ा था|
इस देश के रिश्तों को तोडा था||
फिर भारत दो भागो में बाटा था|
एक हिस्सा हिन्दुस्तान था||

दूसरा पाकिस्तान कहलाया था|
सरहद नाम की रेखा खींची थी||
जिसे कोई पार ना कर पाया था|
ना जाने कितनी माये रोइ थी,

ना जाने कितने बच्चे भूके सोए थे,
हम सब ने साथ रहकर
एक ऐसा समय भी काटा था||
विरो ने क़ुरबानी दी थी
तब भारत आज़ाद हुआ था||

5. Sare jahan se Achha Hindustan hmara , Hindi poem, Best Desh bhakti Kavita. 

Sare jahan se Achha Hindustan hmara

सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोसिताँ हमारा हम बुलबुलें हैं इसकी ये गुलसिताँ हमारा गुर्बत में हों अगर हम , रहता है दिल वतन में समझो वहीं हमें भी दिल हो जहाँ हमारा परबत वह सबसे ऊँचा , हम्साया आसमाँ का वह संतरी हमारा , वो पासबाँ हमारा गोदी में खेलती हैं इसकी हज़ारों नदियाँ गुल्शन है जिनके दम से रश्क - ए - जिनाँ हमारा ऐ आब - ए - रूद - ए - गंगा ! वह दिन हैं याद तुझको ? उतरा तेरे किनारे जब कारवाँ हमारा मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना हिन्दी हैं हम , वतन है हिन्दोसिताँ हमारा यूनान - ओ - मिस्र - ओ - रूमा सब मिट गए जहाँ से अब तक मगर है बाक़ीनाम - व - निशाँ हमारा कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी सदियों रहा है दुश्मन दौर - ए - ज़माँ हमारा इक़बाल ! कोई महरम अपना नहीं जहाँ में मालूम क्या किसी को दर्द - ए - निहाँ हमारा !

6.Flag phahrane Ke mantra, independence day mantra In hindi.

नमो, नमो, नमो।
नमो स्वतंत्र भारत की ध्वजा, नमो, नमो!
नमो नगाधिराज – शृंग की विहारिणी!
नमो अनंत सौख्य – शक्ति – शील – धारिणी!
प्रणय – प्रसारिणी, नमो अरिष्ट – वारिणी!
नमो मनुष्य की शुभेषणा – प्रचारिणी!
नवीन सूर्य की नई प्रभा, नमो, नमो!
हम न किसी का चाहते तनिक अहित, अपकार।
प्रेमी सकल जहान का भारतवर्ष उदार।
सत्य न्याय के हेतु, फहर-फहर ओ केतु
हम विचरेंगे देश-देश के बीच मिलन का सेतु
पवित्र सौम्य, शांति की शिखा, नमो, नमो!
तार-तार में हैं गुँथा ध्वजे, तुम्हारा त्याग!
दहक रही है आज भी, तुम में बलि की आग।
सेवक सैन्य कठोर, हम चालीस करोड़
कौन देख सकता कुभाव से ध्वजे, तुम्हारी ओर
करते तव जय गान, वीर हुए बलिदान,
अंगारों पर चला तुम्हें ले सारा हिंदुस्तान!
प्रताप की विभा, कृषानुजा, नमो, नमो!

~ रामधारी सिंह ‘दिनकर’

7. 2021 best Independence Day Kavita in Hindi. 

Independence day Hindi poem

हाँ मैं इस देश का वाशी हूँ,
इस मिट्टी का कर्ज चुकाऊंगा,
जीने का दम रखता हूँ,
तो इसके लिए मरकर भी दिखलाऊंगा,
नजर उठा के देखना ऐ दुश्मन मेरे देश को,
मरूंगा मैं जरूर पर तुझे मारकर ही मरूंगा,
कसम मुझे इस मिट्टी की,
कुछ ऐसा मैं कर जाऊंगा,
हाँ मैं इस देश का वाशी हूँ,
इस माटी का कर्ज चुकाऊंगा।

हमारा देश ऋषियों की भूमि है, 
जो सदियों से वीरता के लिए जानी जाती है।  
इसका मुकाबला कोई नहीं कर सकता, 
इसकी संस्कृति को कोई नहीं हरा सकता।  
चाहे कोई भी जाति या धर्म हो, 
सभी यहां एक साथ रहते हैं। 
 नदियों, मीठे झरनों के साथ, 
यह ऊंचे पहाड़ों की भूमि है।  
इसके हरे भरे जंगल सुंदर हैं, 
और समृद्धि के स्रोत हैं।  
आइए इसके लिए कड़ी मेहनत करें, 
इसकी सुरक्षा के लिए सतर्क रहें।

आज तिरंगा लहराता है अपनी पूरी शान से,
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से !
आज़ादी के लिए हमारी लंबी चली लड़ाई थी,
लाखों लोगों ने प्राणों से कीमत बड़ी चुकाई थी !
व्यापारी बनकर आए और छल से हम पर राज किया,
हमको आपस में लड़वाने की नीति अपनाई थी !
हमने अपना गौरव पाया, अपने स्वाभिमान से,
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से !
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर का प्यारा यह देश है,
जियो और जीने दो का सबको देता संदेश है !
लगी गूँजने दसों दिशाएँ वीरों के यशगान से,
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से !
हमें हमारी मातृभूमि से इतना मिला दुलार है,
उसके आँचल की छैयाँ में छोटा सा ये संसार है !
हम न कभी हिंसा के आगे अपना शीश झुकाएँगे,
सच पूछो तो पूरा विश्व हमारा ही परिवार है !
विश्वशांति की चली हवाएँ अपने हिंदुस्तान से,
हमें मिली आज़ादी वीर शहीदों के बलिदान से !

8. Latest independence day Poem in Hindi. 

स्वतंत्रता दिवस पर हम बीते हुए वर्षों को याद करते हैं।  
हम अपने झंडे को सलामी देकर इस दिन का सम्मान करते हैं। 
 हम एक देश हैं जो बहादुरी के लिए जाने जाते हैं;  कोई हमारा मुकाबला नहीं कर सकता। 
 हमारी संस्कृति अनूठी है और यहां सभी जातियों और धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं।  
नदियों और ऊंचे पहाड़ों के साथ हमारे हरे भरे जंगल ही हमारी दौलत हैं।  
आइए अपने देश के लिए कड़ी मेहनत करें और अपनी आजादी का जश्न खुशी के साथ मनाएं।  स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!!



प्यारा प्यारा मेरा देश , सबसे न्यारा मेरा देश,
 दुनिया जिस पर गर्व करे , ऐसा सितारा मेरा देश ! चांदी सोना मेरा देश , सफ़ल सलोना मेरा देश,
 गंगा जमुना की माला का , फूलों वाला मेरा देश !
आगे जाए मेरा देश , नित नए मुस्काएं मेरा देश,
 इतिहासों में बढ़ चढ़ कर , नाम लिखायें मेरा देश !

आज़ाद माँ के सपूत, नसों में गर्क हो रहे हैं
अँधेरे में घिर चुके जो, उन्हें रौशनी दिखा दे
वतन की खातिर, ख़ुशी से जान भी दे दें
आन सलामत रहे वतन की, एहसास दिलादे !
नारी मेरे वतन की, सीता भी है, झांसी भी
बस बेगानी सभ्यता से, थोडा सा बचा दे
चाँद को छूने वाला दिल, क्या नहीं कर सकता
मेरे हर भारत वासी को, नित नया हौसला दे !
हम हैं हिन्दुस्तानी, हमारी शान हिन्दुस्तान
हमारी आन है तिरंगा, हर जान को सिखा दे
‘कुरालीया ‘ क़र्ज़, इस धरती का चुकाना लाजिम है
बची हर सांस अपनी, बस राह में वतन की लगा दे !
वतन से प्यार का ज़ज्बा, हर दिल में जगा दे
वो शमा भगत सिंह वाली, रग रग में जला दे !

14 अगस्त की शाम लिखा मैने
क्या आजादी का दीप जलेगा कभी
जो जले थे कभी वो भी बुझ गए
अगर सरकारें करती रहीं मक्कारी
तो न सुधरेगी जनता की बदहाली
ऐसे मे आजादी का दीप जलेगा कभी
कब तक लुटेगी बेटी की आबरु
क्या न मिलेंगी बेटी को आजादी
ऐसे मे आजादी का दीप जलेगा कभी
कब तक रहेगी अब बेरोजगारी
क्या अब न मिटेगी गरीबी कभी
ऐसे मे आजादी का दीप जलेगा कभी !



है तिरंगे की शान में
भारत की पहचान
जब तक है आजाद हम
जिन्दा है अभिमान
जिन्दा हिन्दुस्तान !
कोई भेद ना हो तन का तन से
कोई खेद ना हो मन का मन से
मिले हर चेहरे को खुशियां
चहक उठे हर घर मुस्कान !
कोई ना रहे यहाँ गरीब
सभी रहें दिल के करीब
ना देख जात ना ही मजहब
देख तु बस उसका ईमान !
किसी कहने में ना आ
सबका है यह हिन्दुस्तां
तेरा प्यार जितना फलेगा
जितना देगा तु सम्मान !
ध्यान रख तु भारतवासी
आजादी है सौहार्द निवासी
जिस दिन भूलेगा तू इसको
खो जाएगा आजादी नाम !

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
सदा शक्ति बरसाने वाला,
प्रेम सुधा सरसाने वाला !
वीरों को हर्षाने वाला,
मातृभूमि का तन-मन सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
स्वतंत्रता के भीषण रण में,
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में,
काँपे शत्रु देखकर मन में,
मिट जाये भय संकट सारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
इस झंडे के नीचे निर्भय,
हो स्वराज जनता का निश्चय,
बोलो भारत माता की जय,
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
आओ प्यारे वीरों आओ,
देश-जाति पर बलि-बलि जाओ,
एक साथ सब मिलकर गाओ,
प्यारा भारत देश हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
इसकी शान न जाने पावे,
चाहे जान भले ही जावे,
विश्व-विजय करके दिखलावे,
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा,
झंडा ऊँचा रहे हमारा !

जन-गण-मन की धुन को सुन कर, हुए झंकृत मन वीणा के तार
बधाई आजादी के दिवस की, भारत मां सजी सोलह श्रंगार
देखूं जब-जब लहराता तिरंगा,गुमान देश पर होता है
लिया जन्म जहां शूरवीरों ने ,सिर नतमस्तक हो जाता है
क्या इंसान थे,किस मिट्टी के थे वो,क्या उन्हें जीवन से प्यार न था
उनकी भी कुछ इच्छाएं होंगी, क्या उनका कोई परिवार न था
समझा सब कुछ देश को अपने, जंग तभी तो जीत गए
दो सौ वर्ष की गुलामी छूटी ,अंग्रेजों के दिन बीत गए
उनके इस बलिदान को क्या व्यर्थ यूंही जाने देंगे
क्यूं न हम ये कसम उठाएं,आंच देश पर न आने देंगे
बच्चा-बच्चा बन जाए सैनिक,गर बुरी नजर दुश्मन डाले
हस्ती उसकी मिलाएं खाक में, करे कभी जो हमला वे
भाईचारा रखें परस्पर, अमन चैन का नारा हो
सद्भावना, शांति रखें दिलों में, जाति, धर्म का न बंटवारा हो
बनें पहिए प्रगति के रथ के,सबसे आगे बढ़ते जाएं
कर दें रौशन नाम जहां में, देश का अपने मान बढ़ाएं
आजादी की वर्षगांठ की ,छटा निराली बढ़ती जाए
खुशहाली के फूल हों बिखरे,खुश्बू से चमन महकाएं
आओ आज़ादी दिवस मनाएं
आओ आज़ादी दिवस मनाएं !

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