महाशिवरात्रि 2022 : शुभ मुहूर्त ,पूजा विधि, महत्व और राशि के अनुसार उपाय!

 हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाते हैं। दक्षिण भारतीय पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पड़ती है। दोनों पंचांगों के अनुसार, यह दोनों तिथि एक ही दिन पड़ती हैं। इस साल महाशिवरात्रि 1 मार्च को है। ज्योतिषाचार्य डॉ शाेनू मेहरोत्रा के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन विधि-विधान से व्रत रखने वालों को धन, सौभाग्य, समृद्धि, संतान और अरोग्य की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि  २०२२ : शुभ मुहूर्त ,पूजा विधि, महत्व और राशि के अनुसार उपाय!

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Mahashivratri 2022

महाशिवरात्रि शुभ मुहूर्त 2022


महाशिवरात्रि तिथि और वार

साल 2022 में महाशिवरात्रि का पर्व 01 मार्च, दिन मंगलवार को मनाया जाएगा।

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ - 01 प्रात:काल 03:16 बजे से

चतुर्दशी तिथि समाप्त - 02 प्रात:काल 01:00 बजे

निशिथ काल पूजा का समय - रात्रि 12:08 बजे से 12:58 बजे तक

महाशिवरात्रि पारण का समय - 02 मार्च सुबह 06:45 बजे


शिवरात्रि व्रत के नियम


1− महाशिवरात्रि के दिन व्रती को सबसे पहले सूर्योदय से पूर्व उठकर पानी में जल में काले तिल डालकर स्नान करना चाहिए। इसके बाद साफ वस्त्र धारण करने चाहिए। इस दिन काले वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए।

2− महाशिवरात्रि निर्जला या फलाहार दोनों तरह से रखा जा सकता है। निर्जला व्रत रखने वाले व्रती को भगवान शिव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।

3− महाशिवरात्रि के दिन शिव पूजन करने से पहले नंदी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। इसके बाद भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराएं। जिसमें दूध, दही, शक्कर और शहद होना चाहिए।

4− पंचामृत से स्नान कराने के बाद भगवान शिव को गंगाजल से स्नान कराना चाहिए।

5− भगवान शिव को पूजा के दौरान बेलपत्र, फूल, भांग और धतूरा आदि अर्पित करना शुभ होता है। यह सब अर्पित करने के बाद भगवान शिव को बेर और फल अवश्य चढ़ाने चाहिए।

महाशिवरात्रि पूजा के नियम


भगवान शिव की पूजा के नियम के मुताबिक, भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने के दौरान ध्यान रखें कि, बेलपत्र के तीनों पत्ते पूरे हों और बेलपत्र का चिकना भाग शिवलिंग से स्पर्श करें।
भगवान शिव की पूजा के दौरान शिवलिंग पर कदंब और केतकी के फूल ना चढ़ाएं।
भगवान शिव की पूजा के दौरान ध्यान रखें कि जो अक्षत आप उन्हें अर्पित कर रहे हैं वो टूटे हुए ना हों।
भगवान शिव की पूजा के दौरान शिवलिंग पर शंख से जल अर्पित नहीं करना चाहिए।
शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर नारियल का पानी भी नहीं चढ़ाना चाहिए।

महाशिवरात्रि के उपाय


महाशिवरात्रि वाले दिन शिव का अभिषेक करने के बाद जलढ़री का जल घर ले आएं. इस मंत्र के जाप के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें. ऐसा करने से घर में बसी सभी नकारात्मक ऊर्जा नष्ट हो जाएगी और घर-परिवार में खुशहाली बनी रहेगी.
अगर घर में कलह-क्लेश, रोग या अन्य समस्याएं पिछले काफी समय से चली आ रही है तो उसे दूर करने के लिए घर के उत्तर-पूर्व दिशा में रूद्राभिषेक करना शुभ होता है.
इसी के साथ घर में किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो उसके लिए घर के पूरब या उत्तर-पश्चिम दिशा में बेल का पेड़ लगाएं और उसमें जल दें. महाशिवरात्रि के दिन शाम के वक्त इसके नीचे घी का दीया जलाएं.
    गृह क्लेश को दूर करने के लिए महाशिवरात्रि के दिन घर के उत्तर-पूर्व दिशा में शिवजी के परिवार की तस्वीर लगाएं.

महाशिवरात्रि पूजा में ना भूलें ये चीजें


महाशिवरात्रि पर्व के दिन अनेक भक्त अपने आराध्य देवादिदेव महादेव को प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार के उपाय करते हैं शास्त्रों में भगवान शिव की पूजा सबसे आसान बताई गई है। मान्यता है कि भगवान शिव बेलपत्र, धतूरा और एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। इसीलिए भक्त लोग अपने आराध्य शिव की पूजा में इन तीनों चीजों को कभी नहीं भूलते हैं। यदि आप भी इस महाशिवरात्रि के इस परम और पवित्र दिन पर उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं तो महाशिवरात्रि के इस पावन दिन पर शिव पूजा के दौरान उन्हें पंचामृत से स्नान, बेलपत्र और धतूरा अर्पित करना ना भूलें। ताकि आपको महादेव की पूर्ण कृपा प्राप्त हो सकें।

महाशिवरात्रि व्रत का महत्व


महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिवजी की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। अगर कन्या का विवाह काफी समय से न हो रहा हो या किसी भी तरह की बाधा आ रही हो तो उसे महाशिवरात्रि का व्रत करना चाहिए। इस स्थिति के लिए यह व्रत बेहद फलदायी माना गया है। इस व्रत को करने से भगवान शिव का आर्शीवाद का प्राप्त होता है। साथ ही सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।

महाशिवरात्रि पर राशि के अनुसार करें उपाय...


मेष: महाशिरात्रि पर इस राशि के जातकों को जल से महादेव का अभिषेक करना चाहिए। जिससे की इस राशि वाले जातको के मन की अग्नि की ज्वलन कम हो सके।
वृषभ: महाशिरात्रि पर इस राशि के जातकों को गंगाजल मिश्रित जल या गंगा जल महादेव को अर्पित करने से स्वभाव शांत होता है। आचरण स्नेहमय होता है।सहनशक्ति में बढ़ोत्तरी होती है
मिथुन: महाशिरात्रि पर इस राशि के जातकों को शिवलिंग पर बेलपत्र गन्ने का रस अर्पित करें।
कर्क: महाशिरात्रि पर इस राशि के जातक को दूध से महादेव के शिवलिंग का अभिषेक करे। दूध अर्पित करने से उत्तम स्वास्थ्य मिलता है।
सिंह: महाशिरात्रि पर इस राशि के जातक शहद अर्पित करते हुए महादेव का अभिषेक करे। शहद चढ़ाने से हमारी वाणी में मिठास आती है।
कन्या: महाशिरात्रि पर शिवलिंग को गन्ने के रस से स्नान कराए।ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहे।
तुला: महाशिरात्रि पर इस राशि के जातक चांदी से निर्मित सर्प महादेव को अर्पित करें।
वृश्चिक: महाशिरात्रि पर जातक भोलेनाथ को ईत्र से स्नान कराए। ईत्र से स्नान करवाने से विचार पवित्र होते हैं। लाल वस्त्र अर्पित करें।
धनु: महाशिरात्रि पर जातक केशर युक्त दूध अर्पित करे। केशर अर्पित करने से हमें सौम्यता प्राप्त होती है।
मकर: महाशिरात्रि पर भांग चढ़ाए या भांग के जल से अभिषेक करें, भांग चढ़ाने से विकार और बुराइयां दूर होती हैं।
कुंभ : महाशिरात्रि पर चंदन चढ़ाने से हमारा व्यक्तित्व आकर्षक होता है। समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है। दूर-दूर तक प्रसिद्धि फैलती है।
मीन: महाशिरात्रि पर मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से हमारा स्वभाव शांत होता है। आचरण स्नेहमय होता है।पीले पदार्थो का भोग लगाएं।


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